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What is programming language in hindi | प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है ?

What is programming language in Hindi ?| प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है ?


प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है ?

एक प्रोग्रामिंग भाषा एक औपचारिक भाषा है, जिसका उपयोग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाने के लिए किया जाता है। एक प्रोग्रामिंग भाषा एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम बनाने के लिए सिंटैक्स में निर्देश का उपयोग करती है। प्रत्येक प्रोग्रामिंग भाषा का अपना grammar होता है |

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार :

1. High Level Languages ( उच्च स्तरीय भाषाएँ ) : High Level Languages (उच्च-स्तरीय भाषाओं) को पढ़ने और समझने में आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनका उपयोग एप्लिकेशन प्रोग्राम विकसित करने के लिए उपयोग किया जाता है। 

जैसे C , C++ , Java, Php आदि। 

2 . Low Level Languages (निम्न-स्तरीय भाषाएं ): Low Level Languages (निम्न-स्तरीय भाषाएं) किसी नए यूजर के लिए पढ़ना और समझना मुश्किल है। ये प्रोग्रामिंग के लिए  basic instructions का उपयोग  करती है। मुख्यतः इसका उपयोग सिस्टम प्रोग्राम या मशीन लेवल  प्रोग्रामिंग  में किया  जाता है। 

जैसे : असेंबली लैंग्वेज , मशीन लैंग्वेज।




अगर C या C ++ जैसी High Level Languages (उच्च-स्तरीय भाषाओं) को देखा जाये तो इनकी ग्रामर याने सिंटेक्स लिखने का तरीका या इसमें इस्तमाल होने वाले फंक्शन्स एक नए प्रोग्रामर के लिए समझने में आसान होते हैं। 

जैसे - printf ( "Hello ");

ऊपर दिया हुआ स्टेटमेंट  C language का  है  जिसमे जो  "Hello " को स्क्रीन पर प्रिंट कर देगा। साथ ही एक नए यूजर के लिए  यह नाम से ही जान पाना आसान है कि यह स्टेटमेंट प्रिंट ऑपरेशन परफॉर्म करता होगा। 

इसलिए यह कहना कि High Level Languages (उच्च-स्तरीय भाषाओं) को समझना आसान होता है ,गलत नहीं है। 

Low Level Languages (निम्न-स्तरीय भाषाएं)  में प्रोग्रामिंग रजिस्टर लेवल पर की जाती है। उदाहरण के लिए अगर दो नम्बरों को जोड़ने का प्रोग्राम लिखना हो तो इंस्ट्रक्शंस में Mnemonics का उपयोग होता है जैसे 

  1. MOV का उपयोग डाटा को रजिस्टर या एक्युमुलटर में लोड या स्टोर करने के लिए होता है।
  2. ADD का उपयोग दो नम्बरों को जोड़ने के लिए होता है.
  3. INC रजिस्टर की वैल्यू को 1 से increment ( बढ़ाने )करने  के लिए।
  4. HLT प्रोग्राम को रोकने के लिए।

जैसा  हम यह जानते हैं कि, कंप्यूटर मशीन लैंग्वेज को समझता है इसलिए हम जो प्रोग्राम लिख रहे हैं, उसका मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट होना आवश्यक है।  इस कार्य के लिए ट्रांसलेटर्स का उपयोग होता है। 

ट्रांसलेटर्स निम्न प्रकार के होते हैं :

  1. कम्पाइलर  
  2. इंटरप्रेटर 
  3. असेम्बलर 
 
  • कम्पाइलर और इंटरप्रेटर का उपयोग उच्च स्तरीय भाषा के अनुवाद के लिए किया जाता है।  
    •  जैसे C , C ++ और JAVA जैसी भाषाओं के लिए कंपाइलर और उपयोग होता है। 
  •  इंटरप्रेटेर का उपयोग Php या डायनामिक वेबसाइट के लिए होता है । (आमतौर पर Scripts को execute के लिए)  
  • असेंबलर्स का उपयोग असेंबली लैंग्वेजे को मशीन लैंग्वेजे में ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता है। मशीन की भाषा में, बाइनरी कोड की एक श्रृंखला होती है जिसे सीधे कंप्यूटर के सीपीयू द्वारा समझा जाता है। मशीन की भाषा किसी व्यक्ति के लिए समझ पाना एक बहुत ही कठिन कार्य है।


    प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर लेक्चर को देखने के लिए नीचे दिए हुए वीडियो लिंक को प्ले करें :

what is programming language in Hindi,प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है

 


 



programming language uses commands, instructions in a syntax to create a software program. ( According to PL Grammar)



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1 Comments

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