वाकाटक वंश सातवाहनों के पतन के बाद वाकाटक वंश दक्कन की एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरा इस वंश से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं : 1. वाकाटक वंश का संस्थापक विंध्यशक्ति था। (250 -270 ई) 2. इसकी तुलना इंद्र व विष्णु से की जाती थी। 3. यह एक ब्राह्मण वंश था व इसकी राजधानी नंदीवर्धन ( नागपुर) थी 4. इसका उत्तराधिकारी हरीशि पुत्र प्रवरसेन I था। 5. इसने महाराज की उपाधि धारण की। 6. इसके द्वारा कुल 7 यज्ञ करवाए गए जिनमे से चार अश्वमेघ यज्ञ थे। 7. यह साम्राज्य नागपुर व बरार दो भागों में विभक्त हो गया। 8. प्रवरसेन के राज में इस वंश के राज्य का विस्तार बुंदेलखंड से प्रारंभ होकर दक्षिण में हैदराबाद तक फैल गया। 9. इसी वंश के रूद्रसेन I I ने गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त I I की पुत्री प्रभावती से विवाह किया। 10. रूद्रसेन के मरने के बाद करीब 13 वर्ष तक प्रभावती ने चंद्रगुप्त द्वितीय की सहायता से अपने पुत्र की संरक्षिका के रूप में शासन किया। 11. प्रभावती के पुत्र दामोदर...
Computer Studies , Computer Tricks and General Knowledge