Skip to main content

MP ke Mele | मध्यप्रदेश के मेले । MP GK for VYAPAM and MPPSC Exam

मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले

मध्य प्रदेश भारत का एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध राज्य है, जहाँ हर साल कई पारंपरिक मेले आयोजित किए जाते हैं। ये मेले धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं।


1. खजुराहो नृत्य महोत्सव (Khajuraho Dance Festival)

  • स्थान: खजुराहो, छतरपुर
  • समय: फरवरी - मार्च
  • विशेषता:
    • भारतीय शास्त्रीय नृत्यों (कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, ओडिसी) का मंचन।
    • खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों की पृष्ठभूमि में आयोजित होता है।

2. उज्जैन का सिंहस्थ कुंभ मेला (Ujjain Simhastha Kumbh Mela)

  • स्थान: उज्जैन
  • समय: हर 12 साल में (अंतिम बार 2016 में हुआ)
  • विशेषता:
    • यह भारत के चार प्रमुख कुंभ मेलों में से एक है।
    • लाखों श्रद्धालु और साधु-संत शिप्रा नदी में स्नान करने आते हैं।

3. तानसेन संगीत समारोह (Tansen Samaroh)

  • स्थान: ग्वालियर
  • समय: दिसंबर
  • विशेषता:
    • प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन की स्मृति में आयोजित किया जाता है।
    • शास्त्रीय संगीत के दिग्गज कलाकार भाग लेते हैं।

4. मंदसौर का पशु मेला (Mandsaur Animal Fair)

  • स्थान: मंदसौर
  • समय: अप्रैल - मई
  • विशेषता:
    • यह मध्य भारत का सबसे बड़ा पशु मेला है।
    • घोड़ों, ऊँटों और बैलों की ख़रीद-बिक्री होती है।

5. भगोरिया मेला (Bhagoria Mela)

  • स्थान: झाबुआ और अलीराजपुर
  • समय: होली से पहले (फरवरी - मार्च)
  • विशेषता:
    • भील और भिलाला जनजातियों का प्रमुख त्योहार।
    • इसे "प्रेम का मेला" भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें युवक-युवतियाँ अपने जीवनसाथी चुनते हैं।

6. शिवरात्रि मेला (Shivratri Fair, Pachmarhi & Ujjain)

  • स्थान: उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर) और पचमढ़ी
  • समय: महाशिवरात्रि (फरवरी - मार्च)
  • विशेषता:
    • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भव्य आयोजन।
    • साधु-संतों का जमावड़ा।

7. नर्मदा जयंती मेला (Narmada Jayanti Mela)

  • स्थान: जबलपुर, अमरकंटक, होशंगाबाद
  • समय: माघ पूर्णिमा (जनवरी - फरवरी)
  • विशेषता:
    • नर्मदा नदी की पूजा और आरती।
    • बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं।

8. चीतरई मेला (Chitrai Mela)

  • स्थान: रीवा
  • समय: चैत्र मास (मार्च - अप्रैल)
  • विशेषता:
    • यह मेला विष्णु मंदिर में आयोजित होता है।
    • स्थानीय संस्कृति और लोक नृत्य का प्रदर्शन होता है।

9. कलेश्वर मेला (Kaleshwar Mela)

  • स्थान: खंडवा
  • समय: जनवरी - फरवरी
  • विशेषता:
    • कलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
    • प्रमुख धार्मिक आयोजन।

10. गोनगपा मेला (Gonagappa Mela)

  • स्थान: मंडला
  • समय: मई - जून
  • विशेषता:
    • यह गोंड जनजाति का प्रमुख मेला है।
    • लोक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश के ये मेले न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि पर्यटन, कला और संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध हैं। इनमें भाग लेकर लोग भारतीय परंपराओं और लोकसंस्कृति को करीब से देख सकते हैं।



Download PDF Here ---> MP के मेले.pdf



रेगुलर जानकारियों के लिए , ब्लॉग को फॉलो करें और
फेसबुक पेज को लाइक कर
फॉलो बटन पर क्लिक करें।  इससे आपको हमारी हर
पोस्ट की नोटिफिकेशन मिलती
रहेगी। 
Facebook link  :
https://www.facebook.com/thespardhagyan/

Comments

Popular posts from this blog

प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी में अंतर | Difference between Primary and Secondary Memory in Hindi

प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी में अंतर | Difference between Primary and Secondary  Memory in Hindi   कंप्यूटर में मेमोरी उन Physical Components  को कहा जाता है जिनका उपयोग program  या data को temporarily  या permanently स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह रजिस्टरों का संग्रह है। प्राइमरी मेमोरी volatile होती है और इसमें सीमित मात्रा में स्टोरेज स्पेस होता है। इसलिए , एक बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी जिसमे कंप्यूटर बंद होने पर भी डाटा सुरक्षित रहे , की आवश्यकता होती है |  ऐसी मेमोरी को सेकेंडरी मेमोरी कहा जाता है। प्रोग्राम और डेटा सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर होते हैं। इसे Auxillary Memory भी कहा जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी से इस मायने में भिन्न है कि यह non -volatile  है और । और यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में काम खर्चीला होता है।  आइये जानते हैं  प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी में कुछ अंतर : - प्राइमरी मेमोरी सेकेंडरी मेमोरी 1. प्राइमरी मेमोरी को Main Memory या Internal मेमोरी के नाम से भी जाना जाता है। ...

सेकेंडरी मेमोरी क्या है | What is Secondary memory in hindi

सेकेंडरी मेमोरी क्या है ? | What is Secondary memory in hindi ? दोस्तों कंप्यूटर को अच्छे से वर्क करने के लिए अलग अलग कंपोनेंट्स की जरूरत होती है।  इन कंपोनेंट्स में सबसे महत्त्व पूर्ण कॉम्पोनेन्ट है मेमोरी।  अब मेमोरी भी कई प्रकार की होती हैं जैसे प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी आदि।  तो आज हम जानेंगे सेकेंडरी मेमोरी क्या होती है और सेकेंडरी मेमोरी का कंप्यूटर में  क्या यूज़ होता है।  सेकेंडरी मेमोरी क्या है ?  सेकेंडरी मेमोरी एक प्रकार की कंप्यूटर मेमोरी है जिसका उपयोग बिजली बंद होने के बाद भी डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए किया जाता है।  सेकेंडरी मेमोरी का उपयोग प्रोग्राम, बड़ी डेटा फ़ाइलों और ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर करने के लिए किया जाता है।  कुछ मामलों में, बैकअप के लिए सेकेंडरी मेमोरी का भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ता सिस्टम क्रैश या विफलता के मामले में अपने डेटा को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। इसे एक्सटर्नल मेमोरी भी कहा जाता है। आइये जानते हैं सेकेंडरी मेमोरी क्या है, से सम्बंधित कुछ इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स : स्थिरता (Non...

बुलबुल पक्षी की पूरी जानकारी | Bulbul Bird in hindi

बुलबुल पक्षी की पूरी जानकारी | Bulbul Bird in hindi   दोस्तों बुलबुल एक बहुत ही प्यारी सी सिंगिंग बर्ड है जो कि लगभग सभी के घर में आती है और आप सभी ने इसे देखा भी होगा।  बुलबुल की बहुत से प्रजातियां भारत और विश्व में पाई जाती हैं। अगर हम भारत की बात करें तो कुछ प्रजातियां भारत के सभी हिस्सों में सामान रूप से पायी जाती हैं  और कुछ प्रजातियां किसी विशेष स्थान पर ही पाई जाती है जैसे की रेड वेंटेड बुलबुल भारत के सभी भागों में समान रूप से पाई जाती है वहीं अगर बात करें हिमालय बुलबुल की तो यह बुलबुल हिमालय क्षेत्र में देखी जाती है जैसे कि उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश असम, मेघालय इन इलाकों में पायी जाती हैं।  तो चलिए आज हम बात करते हैं बुलबुल पक्षी की जानकारी के बारे में और साथ ही हम जानते हैं बुलबुल पक्षी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।   Red Vented Bulbul 1. बुलबुल पक्षी की विविधता: बुलबुल पाइकोनोटिडे (Pycnonotidae) परिवार से संबंधित पासरिन (passerine birds) पक्षियों का एक विविध समूह है, जिसकी 130 से अधिक प्रजातियां अफ्रीका और एशिया में वितरित हैं।     2. बुलबुल...