Skip to main content

ईमेल कैसे बनाएं और CC तथा BCC क्या होते हैं? | What is CC and BCC in Email

ईमेल कैसे बनाएं और CC तथा BCC क्या होते हैं?

परिचय (Introduction)

आज के डिजिटल युग में ईमेल (Email) संचार का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। चाहे वह व्यक्तिगत संदेश हो, व्यावसायिक पत्राचार हो या किसी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन करना हो, ईमेल का उपयोग हर जगह किया जाता है।

इस लेख में, हम जानेंगे कि ईमेल कैसे बनाएं, और CC तथा BCC क्या होते हैं तथा उनके उपयोग के बारे में विस्तार से समझेंगे।


ईमेल कैसे बनाएं? (How to Create an Email?)

ईमेल बनाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. ईमेल सेवा प्रदाता चुनें (Choose an Email Service Provider)

ईमेल बनाने के लिए पहले किसी ईमेल सेवा प्रदाता (Email Service Provider) का चयन करें। कुछ लोकप्रिय ईमेल सेवा प्रदाता हैं:
Gmail (mail.google.com)
Yahoo Mail (mail.yahoo.com)
Outlook (outlook.com)
Rediffmail (rediffmail.com)


2. ईमेल अकाउंट बनाने के चरण (Steps to Create an Email Account)

हम यहाँ Gmail पर ईमेल बनाने का उदाहरण लेंगे।

चरण 1: Gmail की वेबसाइट पर जाएं

🔹 सबसे पहले https://mail.google.com/ पर जाएं।
🔹 "Create account" पर क्लिक करें।

चरण 2: व्यक्तिगत जानकारी भरें

🔹 अपना पहला नाम (First Name) और अंतिम नाम (Last Name) डालें।
🔹 अपना यूजरनेम (Username) चुनें। यह आपका ईमेल पता होगा, जैसे:

  • example@gmail.com
    🔹 एक सुरक्षित पासवर्ड (Strong Password) बनाएं।

चरण 3: फ़ोन नंबर और रिकवरी ईमेल जोड़ें

🔹 एक मोबाइल नंबर डालें (यह आवश्यक नहीं है, लेकिन सुरक्षा के लिए जरूरी होता है)।
🔹 एक रिकवरी ईमेल (Recovery Email) डाल सकते हैं, जिससे आप पासवर्ड भूलने पर अकाउंट रिकवर कर सकते हैं।

चरण 4: जन्मतिथि और लिंग भरें

🔹 अपनी जन्मतिथि और लिंग का चयन करें।

चरण 5: नियम और शर्तें स्वीकार करें

🔹 Google की Privacy Policy और Terms of Service को पढ़ें और "I agree" पर क्लिक करें।

चरण 6: ईमेल अकाउंट तैयार है!

🔹 अब आपका ईमेल अकाउंट बन चुका है, और आप इसे लॉग इन (Login) करके इस्तेमाल कर सकते हैं।


ईमेल कैसे भेजें? (How to Send an Email?)

ईमेल भेजने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

चरण 1: Gmail पर लॉगिन करें

🔹 https://mail.google.com/ पर जाएं और अपने अकाउंट से Login करें।

चरण 2: नया ईमेल लिखें (Compose a New Email)

🔹 "Compose" (लिखें) बटन पर क्लिक करें।
🔹 एक नया ईमेल विंडो (New Email Window) खुलेगा।

चरण 3: ईमेल के मुख्य भाग (Main Parts of an Email)

अंग (Component) विवरण (Description)
To (प्रापक/Recipient) यहाँ वह व्यक्ति होगा जिसे ईमेल भेजा जा रहा है।
CC (Carbon Copy) अन्य व्यक्तियों को ईमेल की कॉपी भेजने के लिए।
BCC (Blind Carbon Copy) गुप्त रूप से अन्य व्यक्तियों को ईमेल भेजने के लिए।
Subject (विषय) ईमेल का मुख्य विषय, जिससे पता चले कि ईमेल किस बारे में है।
Body (ईमेल का मुख्य भाग) इसमें मुख्य संदेश लिखा जाता है।
Attachments (संलग्नक) यदि कोई फ़ाइल, चित्र या डॉक्यूमेंट भेजना हो तो इसे अटैच किया जाता है।

CC और BCC क्या होते हैं? (What are CC and BCC?)

1. CC (Carbon Copy) क्या है?

🔹 CC का पूरा नाम "Carbon Copy" होता है।
🔹 इसका उपयोग तब किया जाता है जब हम किसी व्यक्ति को ईमेल भेजते समय उसकी कॉपी अन्य लोगों को भी भेजना चाहते हैं
🔹 सभी प्राप्तकर्ता (To और CC) यह देख सकते हैं कि ईमेल किस-किस को भेजा गया है।

उदाहरण:
यदि आप अपने मैनेजर को ईमेल भेज रहे हैं और साथ ही अपने सहकर्मियों को भी इसकी कॉपी भेजना चाहते हैं, तो आप उन्हें CC में जोड़ सकते हैं

📌 Example:

👉 यहाँ, manager@example.com मुख्य प्राप्तकर्ता है, लेकिन colleague1 और colleague2 भी ईमेल देख सकते हैं।


2. BCC (Blind Carbon Copy) क्या है?

🔹 BCC का पूरा नाम "Blind Carbon Copy" होता है।
🔹 यह CC की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें भेजे गए ईमेल की कॉपी अन्य लोगों को गुप्त रूप से भेजी जाती है।
🔹 BCC में जो भी व्यक्ति जोड़े जाते हैं, वे एक-दूसरे को नहीं देख सकते।

उदाहरण:
यदि आप एक ईमेल कई लोगों को भेज रहे हैं लेकिन नहीं चाहते कि वे एक-दूसरे के ईमेल पते को देखें, तो आप उन्हें BCC में जोड़ सकते हैं

📌 Example:

👉 यहाँ, boss@example.com को पता चलेगा कि ईमेल किसे भेजा गया है, लेकिन client1 और client2 एक-दूसरे के ईमेल पते को नहीं देख पाएंगे।


CC और BCC में अंतर (Difference Between CC and BCC)

अंतर CC (Carbon Copy) BCC (Blind Carbon Copy)
प्राप्तकर्ताओं की दृश्यता सभी लोग देख सकते हैं कि ईमेल किसे भेजा गया है। प्राप्तकर्ताओं को यह पता नहीं चलता कि ईमेल और किसे भेजा गया है।
गोपनीयता कम गोपनीयता होती है। पूरी तरह गोपनीय होता है।
उपयोग जब प्राप्तकर्ताओं को एक-दूसरे के बारे में जानकारी होनी चाहिए। जब प्राप्तकर्ताओं को गुप्त रूप से ईमेल भेजना हो।

निष्कर्ष (Conclusion)

ईमेल बनाना और भेजना एक सरल प्रक्रिया है।
ईमेल में CC और BCC का उपयोग अलग-अलग परिस्थितियों में किया जाता है।
CC में भेजे गए सभी लोग एक-दूसरे को देख सकते हैं, जबकि BCC में भेजे गए लोग एक-दूसरे को नहीं देख सकते।
व्यावसायिक संचार में BCC गोपनीयता बनाए रखने के लिए अधिक उपयोगी होता है।

अब आप आसानी से ईमेल बना सकते हैं और यह भी समझ सकते हैं कि CC और BCC का उपयोग कब और क्यों किया जाता है! 🚀

Comments

Popular posts from this blog

प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी में अंतर | Difference between Primary and Secondary Memory in Hindi

प्राइमरी और सेकेंडरी मेमोरी में अंतर | Difference between Primary and Secondary  Memory in Hindi   कंप्यूटर में मेमोरी उन Physical Components  को कहा जाता है जिनका उपयोग program  या data को temporarily  या permanently स्टोर करने के लिए किया जाता है। यह रजिस्टरों का संग्रह है। प्राइमरी मेमोरी volatile होती है और इसमें सीमित मात्रा में स्टोरेज स्पेस होता है। इसलिए , एक बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी जिसमे कंप्यूटर बंद होने पर भी डाटा सुरक्षित रहे , की आवश्यकता होती है |  ऐसी मेमोरी को सेकेंडरी मेमोरी कहा जाता है। प्रोग्राम और डेटा सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर होते हैं। इसे Auxillary Memory भी कहा जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी से इस मायने में भिन्न है कि यह non -volatile  है और । और यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में काम खर्चीला होता है।  आइये जानते हैं  प्राइमरी मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी में कुछ अंतर : - प्राइमरी मेमोरी सेकेंडरी मेमोरी 1. प्राइमरी मेमोरी को Main Memory या Internal मेमोरी के नाम से भी जाना जाता है। ...

सेकेंडरी मेमोरी क्या है | What is Secondary memory in hindi

सेकेंडरी मेमोरी क्या है ? | What is Secondary memory in hindi ? दोस्तों कंप्यूटर को अच्छे से वर्क करने के लिए अलग अलग कंपोनेंट्स की जरूरत होती है।  इन कंपोनेंट्स में सबसे महत्त्व पूर्ण कॉम्पोनेन्ट है मेमोरी।  अब मेमोरी भी कई प्रकार की होती हैं जैसे प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी आदि।  तो आज हम जानेंगे सेकेंडरी मेमोरी क्या होती है और सेकेंडरी मेमोरी का कंप्यूटर में  क्या यूज़ होता है।  सेकेंडरी मेमोरी क्या है ?  सेकेंडरी मेमोरी एक प्रकार की कंप्यूटर मेमोरी है जिसका उपयोग बिजली बंद होने के बाद भी डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए किया जाता है।  सेकेंडरी मेमोरी का उपयोग प्रोग्राम, बड़ी डेटा फ़ाइलों और ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर करने के लिए किया जाता है।  कुछ मामलों में, बैकअप के लिए सेकेंडरी मेमोरी का भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ता सिस्टम क्रैश या विफलता के मामले में अपने डेटा को पुनर्स्थापित कर सकते हैं। इसे एक्सटर्नल मेमोरी भी कहा जाता है। आइये जानते हैं सेकेंडरी मेमोरी क्या है, से सम्बंधित कुछ इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स : स्थिरता (Non...

बुलबुल पक्षी की पूरी जानकारी | Bulbul Bird in hindi

बुलबुल पक्षी की पूरी जानकारी | Bulbul Bird in hindi   दोस्तों बुलबुल एक बहुत ही प्यारी सी सिंगिंग बर्ड है जो कि लगभग सभी के घर में आती है और आप सभी ने इसे देखा भी होगा।  बुलबुल की बहुत से प्रजातियां भारत और विश्व में पाई जाती हैं। अगर हम भारत की बात करें तो कुछ प्रजातियां भारत के सभी हिस्सों में सामान रूप से पायी जाती हैं  और कुछ प्रजातियां किसी विशेष स्थान पर ही पाई जाती है जैसे की रेड वेंटेड बुलबुल भारत के सभी भागों में समान रूप से पाई जाती है वहीं अगर बात करें हिमालय बुलबुल की तो यह बुलबुल हिमालय क्षेत्र में देखी जाती है जैसे कि उत्तराखंड, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश असम, मेघालय इन इलाकों में पायी जाती हैं।  तो चलिए आज हम बात करते हैं बुलबुल पक्षी की जानकारी के बारे में और साथ ही हम जानते हैं बुलबुल पक्षी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य।   Red Vented Bulbul 1. बुलबुल पक्षी की विविधता: बुलबुल पाइकोनोटिडे (Pycnonotidae) परिवार से संबंधित पासरिन (passerine birds) पक्षियों का एक विविध समूह है, जिसकी 130 से अधिक प्रजातियां अफ्रीका और एशिया में वितरित हैं।     2. बुलबुल...