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फ्लॉपी डिस्क क्या है? फ्लॉपी डिस्क के प्रकार | Floppy Disk in Hindi

फ्लॉपी डिस्क क्या है? फ्लॉपी डिस्क के प्रकार | Floppy Disk in Hindi


फ्लॉपी डिस्क कंप्यूटर के शुरुआती दिनों में डेटा स्टोर करने और ट्रांसफर करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण था। यह एक चुंबकीय स्टोरेज डिवाइस है, जो प्लास्टिक के आवरण के अंदर एक पतली, लचीली डिस्क के रूप में होती है। फ्लॉपी डिस्क का उपयोग 1970 और 1980 के दशकों में बड़े पैमाने पर हुआ, लेकिन धीरे-धीरे इसकी जगह अन्य स्टोरेज डिवाइस जैसे कि सीडी, डीवीडी, और यूएसबी फ्लैश ड्राइव ने ले ली।



फ्लॉपी डिस्क का इतिहास

फ्लॉपी डिस्क का आविष्कार 1967 में आईबीएम कंपनी द्वारा किया गया था। इसका पहला वर्शन 8 इंच का था और इसका उपयोग बड़े कंप्यूटर सिस्टम में डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता था। 1970 के दशक में, यह डिस्क छोटे कंप्यूटरों में भी इस्तेमाल होने लगी, और इसके बाद 5.25 इंच और 3.5 इंच के छोटे वर्शन विकसित हुए। 3.5 इंच की फ्लॉपी डिस्क सबसे लोकप्रिय बनी और यह 1990 के दशक तक प्रचलन में रही।

फ्लॉपी डिस्क के प्रकार

फ्लॉपी डिस्क के विभिन्न प्रकार और आकार होते थे:
1. 8 इंच फ्लॉपी डिस्क: यह सबसे पुरानी फ्लॉपी डिस्क थी, जिसमें लगभग 80 KB से 1 MB तक डेटा स्टोर किया जा सकता था।
2. 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क: यह 8 इंच डिस्क का छोटा वर्शन था, जिसमें 360 KB से 1.2 MB तक डेटा स्टोर किया जा सकता था।
3. 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क: यह सबसे कॉम्पैक्ट और पॉपुलर फ्लॉपी डिस्क थी, जिसमें 720 KB से 1.44 MB तक डेटा स्टोर किया जा सकता था।

फ्लॉपी डिस्क का विकास

फ्लॉपी डिस्क का विकास उस समय की टेक्नोलॉजी के अनुसार हुआ। शुरू में फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज कैपेसिटी बहुत कम थी, लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हुई, इसकी स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ती गई। इसके अलावा, डिस्क की स्पीड और रिलीएबिलिटी में भी सुधार हुआ। पहले फ्लॉपी डिस्क काफी धीमी होती थीं, लेकिन बाद के वर्शनों में यह तेज हो गईं और डेटा का एक्सेस टाइम कम हो गया।

फ्लॉपी डिस्क की क्षमता और उपयोग

फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता उसके आकार और प्रकार पर निर्भर करती थी। सबसे कॉमन 3.5 इंच की फ्लॉपी डिस्क की क्षमता 1.44 MB थी। यह डेटा स्टोर करने, प्रोग्राम्स को इंस्टॉल करने, और छोटे फाइलों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल की जाती थी।

फ्लॉपी डिस्क का उपयोग खासकर तब किया जाता था जब इंटरनेट की सुविधा इतनी व्यापक नहीं थी। उस समय, फाइलों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए फ्लॉपी डिस्क सबसे आसान और सस्ता तरीका था।

फ्लॉपी डिस्क का पतन

1990 के दशक के अंत में, जब सीडी, डीवीडी और यूएसबी फ्लैश ड्राइव जैसे स्टोरेज डिवाइस मार्केट में आए, तो फ्लॉपी डिस्क का उपयोग कम होने लगा। सीडी और डीवीडी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक थी और वे फ्लॉपी डिस्क की तुलना में अधिक टिकाऊ और तेज थीं। इसके अलावा, यूएसबी फ्लैश ड्राइव्स ने फ्लॉपी डिस्क को पूरी तरह से अप्रचलित कर दिया क्योंकि ये अधिक क्षमता, तेज स्पीड और पोर्टेबिलिटी प्रदान करती थीं।

निष्कर्ष

फ्लॉपी डिस्क कंप्यूटर इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह उस समय की टेक्नोलॉजी का प्रतीक थी जब डेटा स्टोरेज की सुविधा सीमित थी। हालांकि, समय के साथ नई और बेहतर टेक्नोलॉजी के आने से फ्लॉपी डिस्क का उपयोग समाप्त हो गया, लेकिन यह कंप्यूटर इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बनी रहेगी।

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