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मध्य प्रदेश के प्रमुख बाँध और जल परियोजनाएँ | Major Dams of Madhya Pradesh in Hindi

मध्य प्रदेश के प्रमुख बाँध और जल परियोजनाएँ | Major Dams of Madhya Pradesh in Hindi

मध्य प्रदेश के प्रमुख बाँध और जल परियोजनाएँ

मध्य प्रदेश को नदियों और जल संसाधनों की दृष्टि से समृद्ध राज्य माना जाता है। यहाँ अनेक बाँध और जल परियोजनाएँ हैं, जो सिंचाई, पेयजल, और विद्युत उत्पादन में अहम भूमिका निभाती हैं। आइए जानते हैं मध्य प्रदेश के प्रमुख बाँधों और परियोजनाओं के बारे में विस्तार से।

💧 1. इंदिरा सागर बाँध (Indira Sagar Dam)

इंदिरा सागर बाँध नर्मदा नदी पर खंडवा जिले में बनाया गया है। यह भारत के सबसे बड़े जलाशयों में से एक है।

इस बाँध की स्थापना 1992 में की गई थी और यह 135 मीटर ऊँचा तथा 653 मीटर लंबा है। यह नर्मदा घाटी परियोजना का हिस्सा है और राज्य में जलविद्युत उत्पादन तथा सिंचाई दोनों के लिए उपयोगी है।

💧 2. बरगी बाँध (Bargi Dam)

बरगी बाँध भी नर्मदा नदी पर ही निर्मित है। यह बाँध जबलपुर जिले के पास स्थित है।

1974 में इसका निर्माण शुरू हुआ और 1990 में पूरा हुआ। यह बाँध जबलपुर, नरसिंहपुर और मंडला जिलों की लाखों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करता है। साथ ही यह जलविद्युत उत्पादन में भी उपयोगी है।

💧 3. गांधी सागर बाँध (Gandhi Sagar Dam)

गांधी सागर बाँध चंबल नदी पर मंदसौर जिले में स्थित है। यह चंबल घाटी परियोजना का सबसे पुराना बाँध है।

इसका निर्माण 1954 में शुरू हुआ और 1960 में पूरा हुआ। यह बाँध राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों के लिए सिंचाई का मुख्य स्रोत है।

💧 4. तवा बाँध (Tawa Dam)

तवा बाँध होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) जिले में तवा नदी पर बनाया गया है, जो नर्मदा की सहायक नदी है।

इस बाँध का निर्माण 1978 में पूरा हुआ था। यह बाँध तवा जलाशय परियोजना का हिस्सा है और होशंगाबाद, हरदा तथा बैतूल जिलों की सिंचाई करता है।

💧 5. ओंकारेश्वर बाँध (Omkareshwar Dam)

ओंकारेश्वर बाँध नर्मदा नदी पर खंडवा और धार जिले की सीमा पर बनाया गया है।

यह इंदिरा सागर बाँध के नीचे स्थित एक महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना है। यहाँ 520 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता है। ओंकारेश्वर तीर्थ होने के कारण यह धार्मिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है।

💧 6. बाणसागर बाँध (Bansagar Dam)

बाणसागर बाँध सोन नदी पर शहडोल जिले में बनाया गया है। यह एक बहुउद्देशीय परियोजना है जो मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार तीनों राज्यों के सहयोग से बनाई गई है।

इससे न केवल सिंचाई बल्कि जलविद्युत उत्पादन भी किया जाता है।

💧 अन्य प्रमुख बाँध

  • कालीसिंध बाँध – उज्जैन और मंदसौर क्षेत्र में सिंचाई हेतु
  • बसंजय सरोवर (धुती बांध) – बालाघाट जिले में
  • जमुनिया बाँध – सिवनी जिला
  • कोलार बाँध – भोपाल के पास पेयजल आपूर्ति के लिए

⚡ जल परियोजनाओं का महत्त्व

इन बाँधों से न केवल सिंचाई और बिजली उत्पादन होता है, बल्कि ये जल संरक्षण, मत्स्य पालन और पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं। इंदिरा सागर, बरगी और ओंकारेश्वर बाँधों के जलाशय अब लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुके हैं।

📚 निष्कर्ष

मध्य प्रदेश के बाँध और जल परियोजनाएँ राज्य के विकास की धुरी हैं। इनसे कृषि, उद्योग, और ऊर्जा उत्पादन को नई दिशा मिली है। यह कहना गलत नहीं होगा कि नर्मदा और उसकी सहायक नदियाँ राज्य की वास्तविक जीवनरेखा हैं।


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