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Showing posts from October, 2024

नीलकंठ कहाँ मिलता है | Neelkanth pakshi ki jaankari

नीलकंठ कहाँ मिलता है | Neelkanth pakshi ki jaankari  नीलकंठ (Indian Roller) भारत के लगभग सभी हिस्सों में पाया जाता है। यह पक्षी शुष्क क्षेत्रों, खुले खेतों, जंगलों, बागों, और ग्रामीण इलाकों में अधिकतर देखा जाता है। नीलकंठ भारत के अलावा पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, और म्यांमार जैसे दक्षिण एशियाई देशों में भी पाया जाता है। नीलकंठ को आप पेड़ों की शाखाओं, बिजली के तारों, और टेलीफोन के खंभों पर अक्सर बैठे हुए देख सकते हैं। यह आमतौर पर खुले क्षेत्रों में रहता है, जहां इसे कीड़े-मकोड़े और छोटे जन्तुओं का शिकार करने में आसानी होती है। यह पक्षी कभी-कभी शहरी और उपनगरीय इलाकों में भी दिख जाता है, खासकर जहां हरियाली और खुले स्थान होते हैं।  नीलकंठ (Indian Roller) का आवास और वितरण: नीलकंठ, जिसे अंग्रेजी में Indian Roller के नाम से जाना जाता है, एक बेहद सुंदर और रंगीन पक्षी है, जो भारत में पाई जाने वाली सबसे आकर्षक पक्षी प्रजातियों में से एक है। इसका वैज्ञानिक नाम **Coracias benghalensis** है। नीलकंठ पक्षी अपनी खूबसूरत नीली और भूरे रंग की पंखों के कारण लोगों का ध्यान ...

नीलकंठ पक्षी की कहानी

नीलकंठ पक्षी की कहानी नीलकंठ पक्षी से जुड़ी एक प्रसिद्ध कहानी है, जो भगवान शिव से संबंधित है। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान, जब देवताओं और दानवों ने समुद्र को मथा, तो उसमें से हलाहल विष निकला। इस विष से पूरा संसार नष्ट होने लगा, तब भगवान शिव ने उस विष को पी लिया। शिव ने विष को गले में ही रोक लिया, जिससे उनका गला नीला हो गया और उन्हें 'नीलकंठ' कहा जाने लगा। इसी तरह, नीलकंठ पक्षी का भी गला नीला होता है, और इसे शुभ माना जाता है। भारत में नीलकंठ पक्षी को देखने पर लोग इसे भगवान शिव का आशीर्वाद मानते हैं। खासकर दशहरे के दिन, नीलकंठ को देखना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस पक्षी को भारत में खास सम्मान और प्रेम दिया जाता है, क्योंकि यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। नीलकंठ (Indian Roller) एक सुंदर और रंग-बिरंगा पक्षी है, जिसे हिंदी में "नीलकंठ" कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Coracias benghalensis है। नीलकंठ के पंख नीले और भूरे रंग के होते हैं, और जब यह उड़ता है, तो उसके पंखों का चमकीला नीला रंग बहुत ही आकर्षक लगता है। नीलकंठ का रहन-सहन: नीलकंठ भार...

नीलकंठ का प्रजनन काल | नीलकंठ का घोंसला | एक विस्तृत अध्ययन

नीलकंठ का प्रजनन काल | नीलकंठ का  घोंसला | एक विस्तृत अध्ययन   नीलकंठ, जिसे अंग्रेजी में Indian Roller के नाम से जाना जाता है, एक रंग-बिरंगा और आकर्षक पक्षी है। इसका प्रजनन काल भारतीय मौसम के अनुसार बदलता है, लेकिन आमतौर पर यह गर्मियों और मानसून के महीनों के दौरान सक्रिय होता है। इस काल के दौरान, नीलकंठ अपने विशेष प्रजनन व्यवहार और गतिविधियों के माध्यम से अपने वंश को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है। प्रजनन काल की अवधि: नीलकंठ का प्रजनन काल आमतौर पर मार्च से जुलाई के बीच होता है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में यह अगस्त तक भी जारी रह सकता है। यह समय वर्षा ऋतु की शुरुआत के साथ मेल खाता है, जब पर्यावरण में पर्याप्त नमी और खाद्य संसाधन उपलब्ध होते हैं। इस अवधि के दौरान, नीलकंठ अपने घोंसले बनाने और अंडे देने में व्यस्त होता है। घोंसला बनाना: नीलकंठ एक साधारण घोंसला बनाने वाला पक्षी है। यह आमतौर पर पुराने पेड़ों के खोखले हिस्सों, चट्टानों की दरारों, और कभी-कभी भवनों की दरारों में अपना घोंसला बनाता है। नीलकंठ का घोंसला अत्यंत साधारण होता है और इसमें ज्यादा सामग्री का उपयोग नहीं हो...

नीलकंठ का आहार | नीलकंठ पक्षी क्या खता है | नीलकंठ का भोजन

 नीलकंठ का आहार | नीलकंठ पक्षी क्या खता है | नीलकंठ का भोजन नीलकंठ (Indian Roller), जिसे वैज्ञानिक नाम **Coracias benghalensis** से जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले एक खूबसूरत और रंग-बिरंगे पक्षी है। इसकी सुंदरता और चमकीले रंगों के बावजूद, नीलकंठ का आहार इसकी जीविका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका आहार विविध और संतुलित होता है, जो इसे जीवित रहने में मदद करता है।  मुख्य आहार तत्व: 1. कीड़े और कीट: नीलकंठ का आहार का मुख्य हिस्सा कीड़े और कीट होते हैं। यह पक्षी विशेष रूप से टिड्डे, झींगुर, बीटल्स, और अन्य छोटे कीटों का शिकार करता है। कीड़े और कीट नीलकंठ के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन स्रोत होते हैं, जो इसकी स्वास्थ्य और ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करते हैं। यह कीड़े खुले खेतों, बागों, और जंगली क्षेत्रों में आसानी से मिल जाते हैं, जहां नीलकंठ को शिकार करने के लिए उपयुक्त स्थान मिलता है। 2. छोटे उभयचर और सरीसृप: नीलकंठ कभी-कभी छोटे उभयचरों और सरीसृपों का भी शिकार करता है, जैसे कि मेंढक और छिपकलियां। ये छोटे जीव अतिरिक्त प्रोटीन और पोषक तत्व प्रदान करते ह...