मध्य प्रदेश का भौगोलिक स्थान और सीमाएँ
मध्य प्रदेश भारत का हृदय कहलाता है, क्योंकि यह देश के बिल्कुल मध्य में स्थित है। यह राज्य अपनी भौगोलिक विविधता, ऐतिहासिक महत्त्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं इसके भौगोलिक स्थान और सीमाओं के बारे में विस्तार से।
📍 मध्य प्रदेश का भौगोलिक स्थान
मध्य प्रदेश भारत के केंद्र में स्थित है और यह देश के उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम — चारों दिशाओं के लगभग मध्य में फैला हुआ है। इसका भौगोलिक विस्तार लगभग 21°6′ उत्तरी अक्षांश से 26°30′ उत्तरी अक्षांश और 74°9′ पूर्वी देशांतर से 82°48′ पूर्वी देशांतर तक है।
राज्य का कुल क्षेत्रफल 3,08,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक है, जो इसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बनाता है। राजधानी भोपाल है, जबकि सबसे बड़ा शहर इंदौर है।
🗺️ सीमाएँ (Boundaries of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश की सीमाएँ सात राज्यों से मिलती हैं:
- उत्तर में – उत्तर प्रदेश
- पूर्व में – छत्तीसगढ़
- दक्षिण में – महाराष्ट्र
- पश्चिम में – गुजरात और राजस्थान
पूर्वी सीमा पर सतपुड़ा और विंध्य पर्वत श्रेणियाँ फैली हुई हैं, जो राज्य को प्राकृतिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों में बाँटती हैं।
🌄 भौगोलिक विशेषताएँ
मध्य प्रदेश का भूभाग मुख्यतः पठारी (plateau) है, जिसमें कई नदियाँ, घाटियाँ और पर्वत श्रेणियाँ हैं। राज्य में नर्मदा नदी का विशेष महत्त्व है जो अमरकंटक से निकलकर पश्चिम दिशा में बहती है और अरब सागर में मिलती है।
इसके अलावा बेटवा, चंबल, सोन, ताप्ती और केन नदियाँ भी राज्य की जीवनरेखा हैं। राज्य के उत्तर-पश्चिम में मालवा पठार, मध्य में विदिशा क्षेत्र और दक्षिण में सतपुड़ा पर्वतमाला प्रमुख हैं।
💡 क्यों कहा जाता है 'भारत का हृदय'?
मध्य प्रदेश भारत के केंद्र में स्थित है और लगभग सभी दिशाओं में इसकी सीमाएँ फैली हुई हैं। इसी कारण इसे “भारत का हृदय”
📚 निष्कर्ष
मध्य प्रदेश का भौगोलिक स्थान और सीमाएँ इसे भारत का एक विशेष और रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण राज्य बनाती हैं। यहाँ की विविध स्थलाकृति, नदियाँ और पठार इस राज्य को प्राकृतिक सौंदर्य का वरदान देती हैं।

 
 
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